Saturday, June 27, 2009

THINK POSITIVE ALWAYS

THINK POSITIVE ALWAYS

think positive always and go to success in life
स्टेशन पे एक कुली से बाहर जाने का रास्ता पूंछा .कुली ने कहा: " बाहर जाके पूंछो ."मैंने ख़ुद हीरास्ता ढूंढ़ लिया ,बाहर जाके टैक्सी वाले से पूंछा :" भाई साहब लाल किले का कितना लोगे ?"जवाब मिला: " बेचना नही है ."टैक्सी छोड़ , मैंने बस पकड़ ली ,कंडक्टर से पूंछा: "जी , क्या मैं सिगरेट पी सकता हूँ ?"वो गुर्र्रा कर बोला : "हरगिज़ नही , यहाँ सिगरेट पीना मन है."मैंने कहा: "पर वो जनाब तो पी रहे है!"फिर से गुर्र्र्राया : "उसने मुझसे पूंछा नही है."लाल किले पंहुचा , होटल गया .मेनेजर से कहा: "मुझे रूम चाहिए , सातवी मंजिल पे ."मेनेजर ने कहा: "रहने के लिए या कूदने के लिए ?"रूम पंहुचा , वेटर से कहा:" एक पानी का गिलास मिलेगा ?"उसने जवाब दिया: "नही साहब , यहाँ तो सारे कांच के मिलते हैं."होटल से निकला , दोस्त के घर जाने के लिए ,रास्ते में एक साहब से पूंछा:" जनाब , ये सड़क कहाँ को जाती है ?"जनाब हंस कर बोले: "पिछले बीस साल से देख रहा हूँ , यही पड़ी है... कहीं नहीं जाती."

2 comments:

  1. ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
    दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,
    ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
    मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,
    कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
    दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,
    उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
    और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,
    मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
    बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,
    उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
    इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,
    अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
    मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,
    यूँ तो 'मित्र' का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,

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  2. aslam-o-alaikum

    in QURAN-E-PAK "Aye Bande Agar Kabhi Raat Ko Teri Aankh Khule Or Tu Phir So Jaye To Tu Ne Mujse Be-wafai Ki Or Agar Teri Aankh Khule Or Tu Ne Wazoo Kiya Or Meri Ibadat Ki Or Tu Ne Manga Or Main Ne Qabol Na Kiya To Main Ne Tjhse Be-wafai Ki Aur May Aisa Nai Karta" "SURA-E-MULK" PARA 29 HADEES-E-MUBARIK Jab HUZOOR PAK (S.A.W) Kay Visaal Ka Waqt Qareeb Aya, Tu Aap (S.A.W) Ne Hazart Izraeel (A.S) Se Poocha Kay "Kya Meri Ummat Ko Bhi Mout Ki Itni Takleef Bardasht Karni Parey Gi" Tu Hazart Izraeel (A.S) Ne Farmaya "JEE", To Aap (S.A.w) Ki Aankh Mubarik Se Aansu Jaari Ho Gaye, To ALLAH PAK Ne Farmaya "AE MUHAMMAD (S.A.W) Aap Ki Ummat Agar Her Namaz Kay Foran Baad AYATUL-KURSI Pare Ge Tu Mout Kay Waqat Uska 1 Paoon Duniya Main Hoga Aur 1 JANNAT...!!! plz plz forward it

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think positive always in life and go to success